Diwali 2025 important dates! दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति में सिर्फ एक दिन का त्योहार नहीं बल्कि भाव, रौनक और परंपराओं की एक श्रृंखला है। इस वर्ष 2025 में, दीपावली पर्व कुछ अलग स्वरूप लेता दिख रहा है — खबरों में यह चर्चा हो रही है कि दिवाली के बाद एक दिन “खाली” होगा और इस वजह से छः दिन तक दिवाली पर्व मनाया जाएगा। आइए, इस खबर के पीछे की सच्चाई समझें और जानें 2025 में दिवाली, धनतेरस एवं भाई दूज की तिथियाँ व शुभ मुहूर्त।
खबर की समीक्षा: “दिवाली के बाद एक दिन खाली”
Live Hindustan में प्रकाशित लेख के अनुसार, इस साल दिवाली अमावस्या की तिथि 25 घंटे से अधिक अवधि तक रहने से सामान्य पाँच दिवसीय पर्व के बजाय छह दिन का हो जाएगा।
लेख में कहा गया है:
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18 अक्टूबर को धनतेरस
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19 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी
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20 अक्टूबर को दिवाली
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21 अक्टूबर को अमावस्या (स्नान-दान)
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22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा
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23 अक्टूबर को भाई दूज
इस तरह दिवाली के बाद एक दिन “खाली” रहेगा, जो पारंपरिक पंच दिवसीय श्रृंखला के बाद बीच में अंतराल जैसा दिखता है।
हालाँकि, अन्य पंडितों और पंचांग स्रोतों की समीक्षा में तिथियों को कुछ भिन्न रूप में देखा गया है — चलिए उन्हें भी जान लेते हैं।
पंचांग और स्रोतों की तुलना
तिथियों का विवरण
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DrikPanchang बताता है कि Bhai Dooj 23 अक्टूबर 2025 को है।
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IndianExpress के अनुसार दिवाली (लक्ष्मी पूजा) 21 अक्टूबर को है।
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कई स्रोत यह संकेत देते हैं कि धनतेरस 18 अक्टूबर को है।
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Economic Times में कहा गया है कि दिवाली 20 या 21 अक्टूबर को हो सकती है, क्योंकि अमावस्या तिथि शाम से प्रारंभ होती है।
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Times of India व कई अन्य स्रोत 20 अक्टूबर को दिवाली की पुष्टि करते हैं।
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Moneycontrol एवं अन्य दिवाली-पर्व सूची स्रोतों में कहा गया है कि त्योहार की श्रृंखला 5 या 6 दिन की हो सकती है, विशेष रूप से इस वर्ष अमावस्या तिथि में विस्तार के कारण।
निष्कर्ष
इस तरह, खबर में “छः दिन दिवाली पर्व” की बात मौलिक सत्य पर आधारित है — अमावस्या की तिथि विस्तार के कारण पाँच दिवसीय श्रृंखला में एक अतिरिक्त दिन आ जाने की संभावना है। परंतु तिथियों में हल्की असमंजसता पाई जाती है — कुछ स्रोत दिवाली को 20 तारीख कहते हैं तो कुछ 21 को।
इस खबर में मुख्य बिंदु है कि इस वर्ष दिवाली के बाद एक दिन शून्यतर हो सकता है — अर्थात् पंचाचर्यात्मक दिवाली-काल में एक “खाली तिथि” आ सकती है, जिससे पाँच की बजाय छः दिवसीय आयोजन बन जाए।
दिवाली 2025: दिन-दर-दिन कार्यक्रम
नीचे 2025 की संभावित और सम्मिलित तिथियाँ दी गई हैं (विभिन्न स्रोतों के संयोजन द्वारा) :
| क्रम | पर्व / दिन | संभावित तिथि | महत्व एवं विशेष बातें |
|---|---|---|---|
| 1 | धनतेरस (Dhanteras) | 18 अक्टूबर, शनिवार | यह दिवाली पर्व की शुरुआत है, लक्ष्मी-कुबेर एवं धन्वंतरी पूजा की जाती है। |
| 2 | नरक चतुर्दशी / चोटी दिवाली | 19 अक्टूबर, रविवार | यह दिन बुराई पर विजय का प्रतीक माना जाता है। |
| 3 | दिवाली / लक्ष्मी पूजा | 20 या 21 अक्टूबर | अमावस्या तिथि अवधि के कारण विवाद की स्थिति; अधिकांश स्रोत 20 को अधिक मानते हैं। |
| 4 | स्नान-दान अमावस्या / अन्य तिथियाँ | 21 अक्टूबर | इस दिन स्नान, दान, धार्मिक कर्म किए जाते हैं। |
| 5 | गोवर्धन पूजा / अन्नकूट | 22 अक्टूबर | भगवान कृष्ण को अर्घ्य, अन्नकूट आदि का आयोजन। |
| 6 | भाई दूज / यम द्वितीया | 23 अक्टूबर | भाई-बहन का त्योहार, यम और यमुणा से जुड़ी कथाएँ व पूजा। |
इस प्रकार, यदि अमावस्या तिथि विस्तारित होती है, तो दिवाली के बाद एक दिन “खाली” आ जाएगा — वह दिन जबकि धार्मिक कर्म विशेष रूप से अनुष्ठित रह सकते हैं।
इस साल विशेष क्या है?
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अधिकांश वर्षों में पाँच दिवसीय दीवाली पर्व ही देखा जाता है। परंतु इस वर्ष अमावस्या तिथि में विस्तार से “छः दिन” की संभावना बन रही है।
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“खाली दिन” की अवधारणा — यह दिन विशेष अनुष्ठान नहीं किए जाते, या आयोजन में विराम माना जाएगा — वर्तमान समाचार यही बताती है।
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धार्मिक रस्मों, मुहूर्तों और पूजा विधियों में थोड़े परिवर्तन हो सकते हैं इस वर्ष।
कैसे बनाएँ अपने उत्सव को सटीक और सार्थक
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पंचांग एवं शुभ मुहूर्त की पुष्टि करें
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स्थानीय पंडित, मंदिर या पंचांग देखें, क्योंकि समय और तिथि क्षेत्रीय भिन्नता पर निर्भर करते हैं।
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15-20 दिन पूर्व तैयारी आरंभ करें
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घर की सफाई, दीये-मोमबत्ती, रंगोली सामग्री, पूजा सामग्री आदि सूची बनाना लाभदायक रहेगा।
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खरीदारी में सावधानी
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धनतेरस पर सोना, चाँदी, बर्तन आदि शुभ माने जाते हैं — पर यदि “खाली दिन” होगा तो उस दिन कुछ विशेष अधूरे काम न करें।
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पूजा विधि एवं अनुष्ठान समय पर करें
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लक्ष्मी पूजन, यम दीपदान, गोवर्धन पूजा, भाई दूज आदि कार्यों का समय मुहूर्त के अनुसार करना चाहिए।
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समझदारी से कार्यक्रम तय करें
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यदि “खाली दिन” हो, तो उस दिन धार्मिक कार्यक्रमों से विराम रखें, और अगले दिन से समारोह पुनः प्रारंभ करें।
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निष्कर्ष
Live Hindustan की खबर ने एक रोचक विचार प्रस्तुत किया है कि इस बार दिवाली के बाद एक दिन “खाली” हो सकता है और इस कारण दिवाली पर्व छह दिन तक चलेगा। पंचांग और विविध स्रोतों की समीक्षा यह दर्शाती है कि यह विचार पुष्ट हो सकता है — अमावस्या की तिथि में विस्तार के कारण। तथापि, तिथियों में मामूली अंतर देखने को मिला है — दिवाली 20 या 21 अक्टूबर को मानी जा सकती है।
आपको सुझाव है कि स्थानीय पंचांग या पंडित से अंतिम पुष्टि अवश्य करें। इस वर्ष की दिवाली व्यवस्थाएँ और शुभ मुहूर्त जानना परिवार-समाज के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि सभी पूजा-साधना समय पर हों और इस दीपोत्सव की रौनक पूर्ण रूप से बनी रहे।




